रविवार, 16 सितंबर 2012

मौसम बदलता है प्यार नहीं

मिलने से पहले बिछुड़ने का मौसम आता है 
बहार से पहले पतझर का मौसम आता है 
जुदा होते है जर्द पत्ते जब शाख से 
नयी आशावो के नए कोपल आते है 
जो दामन छुड़ा लोगे तुम हम से 
मेरे कल्पना के नए राग छेड़ दोगे तुम 
लेकिन साज तुम ही होगे 
पत्ते वृक्ष बदला नहीं करते . ऋतु (इरा )