शनिवार, 16 अप्रैल 2011

अहसास

लहरों का उठना 
उठा कर सम्हलना
मचल कर ,गिरना दिल में हूक का  उठना
उठ कर दर्द का अहसास
का होना .दर्द के अहसास से डरना
जैसे सर्पीली पगडंडियों  से
खुद को सम्हालना ,आसमां मे चपला की चमक ,
फिर निर्दोष वृक्ष पर गिरना ,
जैसे जीवन के सच को समझना.