मेरा आईना भी मुझे से खौफ जादा है
मेरी ही आखो में न जाने क्यू पर्दा पड़ा है
जो हकीकत न स्वीकार कर खुद की तारीफ करता है
खुद को देख तारीफ के पुल बंधता है
उस के आँखों में खुद के सपने देखता है क्यू .ritu
मेरी ही आखो में न जाने क्यू पर्दा पड़ा है
जो हकीकत न स्वीकार कर खुद की तारीफ करता है
खुद को देख तारीफ के पुल बंधता है
उस के आँखों में खुद के सपने देखता है क्यू .ritu