जग में क्या मेरा क्या तेरा है
सब कुछ यही का ही यही रह जाना है
मन को रख साफ़ तू दिल में न रख मलाल तू
तेरा गुण तेरा अलंकार है
पहने क्यू तू नित्य नए आभूषण है
क्या सोना क्या चांदी मिटटी में सब मिल जाना है
हर पल खुशियों से जी ले तू बाकि यही रह जाना है
--------------------------जग में क्या मेरा .........
सब कुछ यही का ही यही रह जाना है
मन को रख साफ़ तू दिल में न रख मलाल तू
तेरा गुण तेरा अलंकार है
पहने क्यू तू नित्य नए आभूषण है
क्या सोना क्या चांदी मिटटी में सब मिल जाना है
हर पल खुशियों से जी ले तू बाकि यही रह जाना है
--------------------------जग में क्या मेरा .........
परछाईयो को भी हम ने डर से साथ छोड़ते देखा है
मिटटी की गात को खाक होते देखा है
समय पराजीत नहीं होता है
हम ने लोगो को समाये से पहले जाते देखा है क्या मेरा क्या तेरा हम ने सब यही छुट जाते देखा है .
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----------------ऋतु दुबे -------------------------
6 टिप्पणियां:
बधाई , नवरात्र मंगलमय हो ..
बधाई , नवरात्र मंगलमय हो ..
बहुत सुन्दर....गहन भाव...
दीपोत्सव की शुभकामनाएँ..
अनु
♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥
♥नव वर्ष मंगलमय हो !♥
♥(_¸.•'´(_•*♥♥*•_)`'• .¸_)♥
जग में क्या मेरा क्या तेरा है
सब कुछ यहीं का यहीं रह जाना है
वाऽह ! क्या बात है !
सुंदर भाव चुन कर अच्छा गीत बना दिया आपने ...
आदरणीया ऋतु दुबे जी !
आपकी लेखनी से और भी सुंदर , सार्थक , श्रेष्ठ सृजन हो …
नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित…
राजेन्द्र स्वर्णकार
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बहुत सुंदर
Sach se samna karati rachna
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