दिल की बात-------

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रविवार, 15 मई 2011

यु ही चलते चलते


Posted by IRA Pandey Dubey at 4:13 am
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Labels: यु ही चलते चलते

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IRA Pandey Dubey
Durg, C.G, India
मैंने एम.पी.एड., एम. ए. (हिंदी), किया है !मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से चयनित होकर महाविद्यालय मे कार्यरत हूं, मैने शारीरिक शिक्षा विषय मे अपना शोध प्रबंध पूरा कर पं. रविशंकर शुक्‍ल विश्वाविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है. भावों से भरी हूं, भावनाओं को शब्‍द के किसी भी रूप मे परिवर्तित करना चाहती हूं, कविता, कहानी, लेख ..., जिद्दी हूं जो चाहती हूं करती हूं, संवेदनशील इतनी कि हृदय जल्दी खुश या दुखी हो जाता है और अपने भावों को छिपा नहीं पाती हूं, झूठ मुझे पसंद नहीं, जहां तक बन पड़े रिश्तो को बचाने का प्रयास करती हूं. हर वक्त कुछ न कुछ करना चाहती हूं .. .. सृजनशील रहना चाहती हूं.
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