कुछ शेर अर्ज किया है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मेरी आह से निकली अधिया मेरा ही आशिया उजड़ने में अमदा है
एक एक तिनका जोड़ा था हर तिनका उड़ने में आमदा है .ऋतु
तुम ने जो जख्म दिया था वो अब नासूर बन गए है
रिसता है अब भी उस से तेरी प्यार की मीठी टीस .ऋतु
उठे सब के कदम मंजिल के तरफ ,मंजिल हर एक को नहीं मिलती
चाँद चमकता है असमान में ,रोशनी हर एक को नहीं मिलाती .ऋतु
काँटों पर चलते चलते अब फूलो की कोमलता भूल गए
अपनों से जखम खाते -खाते उस का दर्द भी भूल गए .ऋतु
जमाना बीत गया उन को इस गली से गुजरे हुए
अब भी फिजा में गूंज रही उन की पायल की खनक .ऋतु
हम गैरों से नहीं अपनों से सताये हुए है
जख्म फूलो से पाए हुए है
काँटों ने सहला कर छोड़ दिया हमे
कहा मुस्कुराके तेरे अपने ही पराये हुए है .ऋतु 03/04/13
मेरी आह से निकली अधिया मेरा ही आशिया उजड़ने में अमदा है
एक एक तिनका जोड़ा था हर तिनका उड़ने में आमदा है .ऋतु
तुम ने जो जख्म दिया था वो अब नासूर बन गए है
रिसता है अब भी उस से तेरी प्यार की मीठी टीस .ऋतु
उठे सब के कदम मंजिल के तरफ ,मंजिल हर एक को नहीं मिलती
चाँद चमकता है असमान में ,रोशनी हर एक को नहीं मिलाती .ऋतु
काँटों पर चलते चलते अब फूलो की कोमलता भूल गए
अपनों से जखम खाते -खाते उस का दर्द भी भूल गए .ऋतु
जमाना बीत गया उन को इस गली से गुजरे हुए
अब भी फिजा में गूंज रही उन की पायल की खनक .ऋतु
हम गैरों से नहीं अपनों से सताये हुए है
जख्म फूलो से पाए हुए है
काँटों ने सहला कर छोड़ दिया हमे
कहा मुस्कुराके तेरे अपने ही पराये हुए है .ऋतु 03/04/13
10 टिप्पणियां:
वाह! बेहतरीन रचना | आभार
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
बहुत सुन्दर रचना.
सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें हम हिंदी चिट्ठाकार हैं
BHARTIY NARI
PLEASE VISIT .
तुषार जी आप का बहुत आहूत शुक्रिया आप ने मेरे ब्लॉग के लिए समय दिया .
dhanywad shakuntala ji ,aap ka dil se abhar
thax shikha ji aap ka bhi dil se
काँटों पर चलते चलते अब फूलो की कोमलता भूल गए
अपनों से जखम खाते -खाते उस का दर्द भी भूल गए .ऋतु-----
जीवन की संवेदनाओं को व्यक्त करती गहन अनुभूति
सुंदर रचना बधाई
आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों
wah! shandaar baat......thanks
तभी तो मन कहता है ...."कुछ बात तो है" रचना में .....
माशाल्लाह ........
अंदाज -ए- बयाँ आपका :::
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